सूत्रधार 1- सुप्रभात दोस्तों! तो जैसा की आपको मालूम होगा आज हम जैसी करनी वैसी भरनी पर एक लघु नाटिका करने वाले हैं, एक बार लालाजी आटा लेने पास के गाँव गए। उन्हें वहां पार एक आटे की दूकान दिखी। लालाजी- शक्ल से तोह ये दुकानदार अजीब लगता हैं। सूत्रधार 2- लालाजी पास ही खडी दो औरतों से पूछते है। लालाजी- अरे बहनजी ये दुकान का मालिक है? lady 1-हाँ ये दोनों दूकान के मालिक् हैं। lady 2-ये श्रीमान टेढ़े हैं और यह उनकी पत्नी श्रीमति टेढ़ी। lady 1-नाम फके अनुसार दोनों ही बहुत टेढ़े हैं। lady 2- उनकी दो दुकाने है एक मछली और फलों की। lady 1-हमे कभी भी सामान का सही amount नहीं मिलता। lady 2-हम उनकी शिकायत करने से डरते है उनकी हमारे गाँव में बहुत सी ज़मीने हैं। लालाजी- लगता है मुझे अब कुछ करना पड़ेगा। सूत्रधार 1-लालाजी आटे की दूकान पर जाते हैं और श्रीमती टेढ़ी से बोलते हैं। लालाजी-ज़रा पांच सौ ग्राम आटा देना। श्रीमती टेढ़ी- ये लो। लालाजी- क्या यह सही में पांच सौ ग्राम है? श्रीमती टेढ़ी- तुम कहना क्या चाहते हो? क्या में शक्ल से चोर दिखती हूँ? निकलो यहाँ से वरना में पुलिस को बुला लूंगी। लालाजी- क
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